हमारी संस्थापक ,प्रेरणा और महान दूरदर्शी डॉ. एनी बेसेंट के शैक्षिक आदर्शों का पालन करते हुए हिंदी विभाग वसंत कन्या महाविद्यालय में साहित्यिक, कलात्मक और सृजनात्मक शिक्षण प्रक्रिया को अपनाता आया है।संस्थापना वर्ष से ही इंटरमीडिएट में हिंदी भाषा का शिक्षण होता था। महाविद्यालय में विभाग की स्थापना 1970 में हुई थी। हम स्नातक और स्नातकोत्तर छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके महाविद्यालय की सेवा करते हैं । उमा माॅडवेल विभाग की पहली प्रभारी थी।उनके बाद डॉ. सावित्री श्रीवास्तव रहीं। तत्पश्चात डॉक्टर तृप्ति रानी जायसवाल ने विभाग का कार्यभार संभाला। वर्तमान में प्रोफेसर आशा यादव विभाग की अध्यक्षा के रूप में कार्यरत हैं।
हम अपनी छात्राओं के लिए व्याख्यान, कार्यशालाएं, हिंदी पखवाड़ा समारोह, विभिन्न प्रतियोगिताएं और ऐसे अन्य कार्यक्रम आयोजित करके उनके समग्र विकास के लिए आधार प्रदान करते हैं तथा उन्हें जीवन की जटिलताओं को समझने में मदद करते हैं। हम उन्हें कक्षा से परे जीवन-कला में उपयोगी और स्वर्णिम भविष्य (रोज़गार)प्राप्त करने के लिए नैतिक, भावनात्मक और शैक्षिक रूप से तैयार करते हैं।
हमारे अनुभवी संकाय सदस्य सिर्फ शिक्षक नहीं हैं; वे मार्गदर्शक हैं ।जो छात्रों को उनकी अद्वितीय सृजनात्मक क्षमता खोजने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
Sr.No. | Name | Area of Specialization |
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1 | DR. ASHA YADAV | कविता, भाषा विज्ञान एवं काव्य शास्त्र |
2 | DR. SAPNA BHUSHAN | कथा साहित्य |
3 | DR. SHASHIKALA | कथा साहित्य |
4 | DR. SHUBHANGI SRIVASTAVA | कथेतर साहित्य |
हमारा पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को अतीत की आधारशिला पर वर्तमान की इमारत गढ़ते हुए भविष्य के प्रति सचेत और सचेष्ट करने की क्षमता प्रदान करता है। हिंदी साहित्य के बहुविधा परक और बहुआयामी परिदृश्य के साथ विद्यार्थियों को संपृक्त करते हुए वर्तमान की चुनौतियों , व्यवसाय परक सामर्थ्य लेखन ,अनुवाद तथा राजनीति के चौथे स्तंभ; इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के क्षेत्र में सृजनात्मक अभिव्यक्ति की सक्षमता प्रदान करता है।
हमारे गौरवशाली अतीत के ऐतिहासिक ,सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य की समझ विद्यार्थियों के भीतर उत्पन्न करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाते हुए वर्तमान की चुनौतियों का सुदृढ़ता से सामना करने की क्षमता उनके भीतर विकसित करता है।
हिंदी साहित्य पुनर्नवा परिषद्-
वसंत कन्या महाविद्यालय के हिंदी विभाग का 'हिंदी साहित्य पुनर्नवा परिषद् ' काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संबद्ध महाविद्यालयों में अत्यधिक सचेष्ट और समुन्नत है ।
हमारा 'हिंदी साहित्य पुनर्नवा परिषद्', विद्यार्थियों की अंतर्निहित प्रतिभा के स्फुरण के साथ उनमें प्रबंधन नेतृत्व कौशल के साथ साहित्यिक ,ऐतिहासिक सामाजिक और सांस्कृतिक समझ उत्पन्न करने में मेरुदंड का कार्य करता है।
हमारे महाविद्यालय का हिंदी विभाग इस 'हिंदी साहित्य पुनर्नवा परिषद्' के गठन में शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों को भी सम्मिलित करता है । इस पुनर्नवा परिषद के सुचारू संचालन के लिए कार्यकारिणी के औपचारिक गठन के साथ विभाग के प्रभारी द्वारा एक परामर्श समिति भी गठित की जाती है। जिसमें महाविद्यालय के अतिरिक्त साहित्यिक क्षेत्र के बाह्य विशेषज्ञों को भी कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में मनोनीत किया जाता है।
इस कार्यकारिणी के सदस्यों को सक्रिय सहयोग प्रदान करने के लिए स्नातक एवं परास्नातक स्तर की सभी कक्षाओं के सभी विद्यार्थियों को सम्मिलित किया जाता है।
यह ,हिंदी साहित्य पुनर्नवा परिषद्' सत्र आरंभ में प्रतिवर्ष नवागंतुक छात्राओं के लिए परिचय समारोह स्नातक और परास्नातक के अंतिम सत्र के विद्यार्थियों के लिए विदाई( शुभस्करी कामना) समारोह तथा विभागीय प्रतिमान के प्रतिष्ठा के लिए विभिन्न साहित्यिक सांस्कृतिक मनोरंजक संगोष्ठियों, संवादों के अतिरिक्त 'लेखक के घर चलो', 'लेखक से संवाद',' महापुरुषों और संतों की जयंतियां विविध विषयों पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियां काव्य गोष्ठियां, सांगीतिक ( साहित्यिक) आयोजन प्रतियोगिताएं जिनमें भाषण, वाद- विवाद ,निबंध लेखन, काव्य लेखन ,कहानी वाचन, नाट्य वाचन ,अंत्याक्षरी, इमला, पोस्टर ,स्वरचित काव्य पाठ, पररचित काव्य प्रस्तुति, देशभक्ति गीत, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन करता है ।
अपने इन्हीं सृजनात्मक और सांस्कृतिक वैशिष्टयों और शत- प्रतिशत परीक्षा परिणाम तथा अनेक बार विद्यार्थियों द्वारा स्वर्ण पदकों की प्राप्ति के कारण वसंत कन्या महाविद्यालय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रक्रिया के समय प्रथम वरीयता पर आकर्षण का केंद्र बना रहता है।
Sr.No. | Name | Tenure |
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1 | Dr. Savitri Srivastava | -- |
2 | Dr. Suman Jain | 1996 - 2007 |
3 | Dr. Tripti Rani Jaisawal | 1982 - 2021 |
Sr.No. | Name | Tenure |
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1 | Prof. Shraddha Singh | 1981-84 |
2 | Smt. Kranti Singh | VKM Inter College |
3 | Prof. Asha Yadav | 1981-84 |
4 | Dr. Shubhangi Srivastava | 2014-15 |
5 | Dr. Meenakshi Rana | 2002-2005 |
6 | Dr. Jyoti SIngh | 2001-2004 |
7 | Dr. Vandana Choubey | Assistant Professor, AMPG, Varanasi |
8 | Dr. Meenakshi Mishra | Assistant Professor. AMPG, Varanasi |